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Mark Antony Telugu Movie Review | Mark Antony Telugu Movie Full Story In Hindi | Mark Antony Dubbed Hindi Movie Full HD 2023

Mark Antony Telugu Movie Review | Mark Antony Telugu Movie Full Story In Hindi | Mark Antony Dubbed Hindi Movie Full HD 2023


फ्रेंड्स ऑफ सभी का फिर से एक बार स्वागत है क्रेज़ी फ़ोर मूवीज़ महाराज, हम बात करने वाले हैं आज थिएटर्स में रिलीज हुई विशाल और एसजे सूर्या स्टारर तमिल साइंस फिक्शन कॉमेडी ड्रामा फ़िल्म यानी की मार्क एंटनी के बारे में तो ये फ़िल्म आज जो है तमिल और तेलुगु दो भाषाओं में रिलीज हुई है हिंदी वर्जन फ़िल्म का जो है इसी महीने की बाईस तारीख यानी कि बाईस सितंबर को रिलीज होने वाला है ऐसी अनाउंसमेंट जो है मेकर्स ने ऑलरेडी की हुई है मैंने तो उनके तमिल वर्जन को देखा है और फ़िल्म के बारे में अगर मैं बात करूँ तो देखिए फ़िल्म के शुरुआती दस बारह मिनट के अंदर ही जो है। 
Mark Antony Telugu Movie Review | Mark Antony Telugu Movie Full Story In Hindi | Mark Antony Dubbed Hindi Movie Full HD 2023
तो उनके डायरेक्टर ने जो है सिल्वर के कैरेक्टर के थ्रू, जो की यहाँ पर एक साइंटिस्ट का रोल प्ले कर रहे हैं जो की यहाँ पर इस पूरे मशीन को इन्वेस्ट करते हैं जिससे पास्ट में जो है कॉल करके बात की जा सकती है इस पर्टिकुलर कैरेक्टर के थ्रू ही जो है काफी कुछ क्लियर कर दिया ये क्लियर कर दिया है की ये जो वर्ल्ड है, ये जो वर्ल्ड ऑफ मार्क एंथनी है वो कैसा होने वाला है यहाँ पर कैरेक्टर्स या फिर कहें ऐक्टर्स जो है बहुत ही लाउड होने वाले हैं यहाँ पर जो ट्रीटमेंट होगा वो भी बहुत ही ओवर के टॉप होने वाला है ड्रामा का जो पीछे है वो भी बहुत ही हाइ होने वाला है कुल मिलाकर कहा जाए तो आपको अपना दिमाग जो है। 

साइड में रख कर इस उनको देखने बैठना है तो इस शुरुआती दस बारह मिनिट को देखने के बाद मैंने अपने आप को प्रिपेर कर लिया है की चलो ठीक है डाइरेक्टर साहब अगर कुछ दिखाना चाहते हैं तो मैं तैयार हूँ वो देखने के लिए, पर मेरी कंडीशन ये है मेरी शर्त ये है की फ़िल्म एंटरटेनिंग होनी चाहिए एन्गेजिंग होनी चाहिए एटलिस्ट फनी होनी चाहिए बट प्रॉब्लम सबसे बड़ी यही निकल के आती है कि इन सभी चीजों के लिए अपने आप को प्रिपेर करने के बावजूद भी फ़िल्म मार्केट इन ना ही मेरे को कही पर एंगेज कर पाती है, ना ही मेरे लिए बहुत ज्यादा कही पर। 

एंटरटेनिंग साबित हो पाती है और ना ही बहुत ज्यादा कहीं पर फनी बन पाती है देखिये इस साल मैंने काफी सारी ऐसी फ़िल्में देखी हैं जिनको देखते वक्त दो ढ़ाई घंटे का कंप्लीट टोरचर जो है मैंने थिएटर के अंदर झेला है और माँ के एंटनी लगभग उसी कैटगरी में आती है अगर ऐसा हुआ की परफॉर्मेंस को मैं साइड में रखो तो पर यहाँ पर इस फ़िल्म के बारे में एक चीज़ मैं कहना चाहूंगा कि भले ही डेफिनेटली ये फ़िल्म मुझे बहुत ज्यादा पसंद नहीं आई है एटलिस्ट या फिर कहें कि मेरे लिए कहीं पर ये फ़िल्म काम नहीं कर पाई है पर एक चीज़ जो एक्सेप्ट करना चाहूंगा वो ये है कि फ़िल्म को देखते। 

जब दो घंटे ढ़ाई घंटे की जो फ़िल्म है उसे देखते वक्त एक चीज़ जो साफ क्लिअर नजर आ रही थी की डाइरेक्टर साफ जो है यहाँ पर कुछ अपना करना चाहते हैं, कुछ अपना सिग्नेचर देना चाहते हैं, अपनी एक पहचान बनाना चाहते हैं अपने एक स्टाइल को जो है यहाँ पर स्टैबलिश करना चाहते हैं जहाँ पर साफ उनका जो एक एफर्ट है वो आपको नजर आएगा कोई लेज़ी फ़िल्म मेकिंग में से नहीं कहूंगा की जो पढ़ा है उसे ही उठाकर वो एक फ़िल्म बना दो यहाँ से वहाँ से उठा लो और एक फ़िल्म बनाकर यहाँ पे फेक दो ऐसा कोई काम साहब ने नहीं किया है डेफिनेटली ये जो ट्रीटमेंट है। 

यह अपने आप में बहुत ही जोखिम भरा ट्रीटमेंट है ये काफी लोगों के लिए काम कर सकता है तो काफी लोगों के लिए काम नहीं कर सकता है और साहब को ये चीज़ पता थी उन्होंने कही पर भी कोई चीज़ अनिन टेन्शन अली नहीं किया है जितनी लाउड परफॉरमेंस आपको देखने को मिल रही है जितनी ओवर ऐक्टिंग आपको देखने को मिल रही है, जो लॉजिकल चीज़े देखने को मिल रही है वो सभी चीजों को जो है, डॉक्टर साहब ने बहुत ही इंटेन्शनली किया है और उस चीज़ को देखकर लगता है की हाँ, वो कुछ डिफरेंट ट्राई करना चाहते थे क्योंकि फ़िल्म का जो कॉन्सेप्ट है यहाँ पर जो साइंस फिक्शन कॉन्सेप्ट लिया है और कॉल के थ्रू पास में बात करने का बहुत ही इंट्रेस्टिंग है उस इंट्रेस्टिंग कॉन्सेप्ट के साथ। 

हाँ, शुरुआत में जो रूल्स एंड रेग्युलेशन बताए जाते हैं, वो भी मैं कहूंगा की काफी इंट्रेस्टिंग थे उसके साथ जो स्टोरी फ़िल्म की नजर आती हैं, एक गैंगस्टर ड्रामा जो है उसके अंदर जो कहानी है वो भले ही हल्की फुल्की रूटीन सी फील होती है और ये सभी चीजें ब्लेंड होने के बाद एक स्टोरी के तौर पर जो है बहुत ही अच्छी नजर आ रही थी और एक बहुत ही पोटेन्शियल नजर आ रहा था उसके अंदर की अगर चीजों को थोड़ा सा सटल रखते हुए ह्यूमर को जो है, थोड़ा सा सटल रखते हुए अगर चीजों को प्रिंट किया जाता तो शायद मेरी तरह जो लोग है, उनके लिए ये फ़िल्म काम कर सकती थी। 

सर डाइरेक्टर साहब ने ऐसा नहीं किया डाइरेक्टर साहब ने एक ओवर के टॉपिक लव ट्रीटमेंट दिया जो कि मेरे लिए काम नहीं कर पाया अब देखिए फ़िल्म के फर्स्ट हाफ के अंदर इमोशन्स के लिए एलिवेशन के लिए बॉन्डिंग के लिए हर एक चीज़ के लिए स्कोप नजर आता है पर जो ट्रीटमेंट है फ़िल्म का वो शुरुआत में लाउड नजर आता है और धीरे धीरे धीरे धीरे फर्स्ट हाफ के अंदर लाउड से जो है वो अल्ट्रा लाउड की तरफ बढ़ने लगता है और इस अल्ट्रा लाउड ट्रीटमेंट के साथ फ़िल्म का स्क्रीनप्ले इतनी तेजी से दौड़ रहा होता है की ये जो वर्ल्ड ऑफ माँ कंटिन्यू है ना वो मेरे साथ कहीं पर कनेक्ट ही नहीं हो पाता है इस पूरे वर्ल्ड के अंदर अगर कोई चीज़ काम कर पाती है। 

तो वो है एसजे सूर्या और उनकी परफॉरमेंस ट्रेलर रिव्यु के अंदर ही मैंने कहा था की आज की डेट में इंडिया में बहुत ही गिने चुने ऐसे ऐक्टर्स हैं जिनसे आप कितनी भी लाउड, कितनी भी हेवी परफॉरमेंस करवा लो, वो उसे कन्विन्सिंग बना देते हैं और उसी के कारण है कि इस दिन सूर्य का वो मैजिक की है कि फ़िल्म के अंदर वो जो कर रहे हैं वहीं बाकी लोग कर रहे हैं उनके कैरेक्टर की जो ट्रीटमेंट है वहीं बाकी कैरेक्टर की ट्रीटमेंट है फिर भी पूरी फ़िल्म एक तरफ जो है बहुत ही इरिटेटिंग बहुत ही परेशान करती है पर एचडी सूर्य की जो परफॉरमेंस हैं उनके जो पोर्शन्स है काफी जो वो पर। 

ध्वनी और एंटरटेनिग नजर आती है मुझे पर्सनली ऐसा फील होता है की अगर उनके कैरेक्टर को बैलेंस करता हुआ एक और कैरेक्टर फ़िल्म के अंदर होता जो इतना लाउड ना होते हुए थोड़ा सा शटल, थोड़ा सा सेंसिबल होता तो मेरे हिसाब से शायद ये फ़िल्म थोड़ी काम कर सकती थी और यहाँ पर उनके सामने हमें विशाल का जो करैक्टर नजर आता है, वो कहीं पर भी कन्विन्सिंग नजर नहीं आता है, वो कहीं पर भी इंप्रेस नहीं कर पाता है विशाल का जो ऐनी नाम का कैरेक्टर है, उस कैरेक्टर के लिए विशाल ने जो एक वौस मॉड्यूलेशन दी है, जो आवास को भारी करके उन्होंने डायलॉग्स को बोला है। 

बहुत ही इरिटेटिंग फील होता है एट द सेम टाइम जो दूसरे मार के कैरेक्टर के लिए उन्होंने जो एक इनोसेंस प्रेज़ेंट करने की कोशीश की है वो भी कई बार काम नहीं कर पाता है और उनका ओवरऑल जो कैरेक्टर है पूरी फ़िल्म के अंदर एक कैरक्टर कम एक पैराडाइस ज्यादा फील करवाता है तो उनके एक बहुत ही बिलो एवरेज फर्स्ट हाफ के अंदर कोई चीज़ काम करती है तो वो है सूर्य के परफॉर्मेंस और फिर उनका इंटरवल पोर्शन पोर्शन कहूंगा कि इंटरवल पोर्शन के अंदर चीजों को जीस तरीके से एग्जीक्यूट किया है प्रेज़ेंट किया है ऐसा ही प्रेज़ेन्टेशन अगर थ्रूआउट द फ़िल्म होता है तो डेफिनेटली मेरे लिए भी ये फ़िल्म एक फनी और एक एंटरटेनिंग फ़िल्म बन सकती थी। 

उस इंटरवल के बाद जो सेकंड हाफ भी आता है वहाँ पर भी केवल एसजे सूर्या की जो कुछ पोर्शन थे, वही काम करते हैं बाकी सब चीज़ जो है फ्लैट निकल जाती है और फ़िल्म खत्म होते होते एक ऐसी सिचुएशन क्रिएट करने जाती है की थोड़ी और देर अगर फ़िल्म चलती तो मेरा खेल जरूर खत्म हो जाता फ़िल्म के म्यूजिक की अगर मैं बात करूँ तो गाने फिर उनके ठीक ठाक के बैकग्राउंड म्यूजिक फ़िल्म का सॉलिड था पर उस बैकग्राउंड म्यूजिक को फर्स्ट हाफ के अंदर इतना ज़ोर जबरदस्ती करके इतना ज्यादा यूज़ किया की सेकंड हाफ के अंदर वो जहाँ पर बचता था, कोई फील्ड जो हैं, आता ही नहीं था हाँ, एक पुराने तमिल सॉन्ग।

यहाँ पर यूज़ किया गया है जो की काइन्ड ऑफ कुछ कुछ सीन्स में एक वाइफ देने में कामयाब रहते है बात करें तो उनके दूसरे कुछ चीजों की तो डेफिनेट्ली अगर आप साउथ इंडियन फिल्मों को फॉलो करते हो, तमिल फिल्मों को फॉलो करते हो तो यहाँ पर फ़िल्म के अंदर काफी कुछ ऐसा है जहाँ पर आपको कुछ अच्छे रेफरेन्सेस देखने को मिलेंगे मुझे जो चीज़ सबसे अच्छी लगी यहाँ पर वो ये थी की एक टाइम पीरियड के अंदर एक सेलिब्रिटी का जो एक पीक था उसे जीस तरीके से उसके जो राइस था उसे जीस तरीके से यहाँ पर फ़िल्म के अंदर ऐडरेस करने की कोशीश की गयी है वो मुझे काफी अच्छा लगा चाहे बात करें यहाँ पर। 

अजीत कुमार के डेब्यू की चाय बात करे शंकर के एक पैरा के जो शंकर कायरा स्टार्ट हो रहा था, उसकी वो चीज़ जो है काफी अच्छी नजर आ रही थी एक और चीज़ जो बहुत ही फनी थी, वो ये थी की यहाँ पर फ़िल्म के अंदर आपको पुष्पका जो फाइर और फ्लोर वाला डाइलॉग है वो भी सुनने को मिलता है और आप यकीन नहीं मानेंगे वो डाइलॉग हमें सुनील के द्वारा सुनने को मिलता है जो ऑलरेडी हमें पुष्पा फ़िल्म के अंदर नजर आ चूके है तो वो कुछ ऐसी चीजें हैं, छोटी मोटी चीज़े हैं, फिल्मों के रेफरेन्सेस है, कुछ पॉप कल्चर रेफरेन्सेस है इवन कुछ ऐक्शन सीन्स के दौरान भी आपको जो है, कुछ तमिल फिल्मों की याद जरूर आएगी। 

तो वो चीज़ अच्छी थी कुछ जैसा कि मैंने कहा की कुछ वो डिफरेंट ट्राई करना चाहते थे पर मेरे लिए वो काम नहीं कर पाया ओवरऑल यही कहना चाहूंगा की मैं ये तो नहीं कहूंगा की ये फ़िल्म आपके लिए काम करेगी या नहीं बस मैं ये कह सकता हूँ की ये फ़िल्म मेरे लिए कहीं पर काम नहीं कर पाई मेरे लिए ये जस्ट एक ऐवरेज या फिर कह सकते हैं की कुछ जगहों पर बहुत ही बिलो एवरेज फ़िल्म साबित हुई है मैंने इस फ़िल्म को थिएटर के अंदर कुछ खास एन्जॉय नहीं किया ये था मेरा पर्सनल ओपिनियन इस फ़िल्म को लेकर अगर आपने ये फ़िल्म देख लिया तो आपको फ़िल्म कैसी लगी है कमेंट सेक्शन में जरूर बताइयेगा मिलते हमारे अगले वीडियो में तब तक फ्लेवर बाइ। 

Mark Antony (Tamil) Movies Casting 

  • Mark Antony (Tamil) Movie Director: Adhik Ravichandran
  • Mark Antony (Tamil) Movie Cast: Vishal, SJ Suryah, Ritu Varma, Sunil
  • Mark Antony (Tamil) Movie Runtime: 122 minutes
  • Mark Antony (Tamil) Movie Storyline: In 1995, two young sons of two 70s gangsters find a time travel machine that sends their lives on a wacky roller coaster ride



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